आज शीतकालीन सत्र समाप्त हुआ।


 आज शीतकालीन सत्र समाप्त हुआ।

शीतकालीन सत्र में आम जनता के लिए कोई चर्चा नहीं हुई सिर्फ अदानी एवं अम्बेडकर की चर्चा चली। देश की जनता के विकास के लिए किसी सांसद ने कोई आवाज नहीं उठाई। अब डा0 राजेन्द्र प्रसाद जी या महात्मा गांधी जी के तरह जनता के विकास के लिए नहीं सोचने की शक्ति है । आरोप प्रत्यारोप का शिलशीला पुरे शीतकालीन सत्र में चलता रहा। 

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